Getting My Main Menu इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झार??
वाकाटक, पल्लव और चालुक्य। हर्षवर्धन, वाकाटक, पल्लव, चालुक्य। हूण, मैत्रक, राजपूत, सेना और चौहान भी उनमें से हैं।
मध्यकालीन भारत का इतिहास (गूगल पुस्तक ; लेखक - शैलेन्द्र सेंगर)
साँची में सातवाहन काल के गेट, पहिली सदी ईसवी
पठन सेटिंग्स खाता बनाएँ लॉग-इन करें व्यक्तिगत उपकरण खाता बनाएँ
दक्षिण भारत में, सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक समाज कोरोमंडल, द चेटिस, द मुस्लिम मालाबार व्यापारियों, आदि बंगाल-चीनी, चावल के साथ-साथ नाजुक मलमल और रेशम के तट पर थे।
अन्य बौद्ध ग्रंथ : लंका के इतिवृत्त महावंस और दीपवंस भी भारत के इतिहास पर प्रकाश डालते हैं। महावंस, दीपवंस व महाबोधिवंस तथा महावस्तु मौर्यकाल के इतिहास की जानकारी देते हैं। दीपवंस की रचना चौथी और महावंस की पाँचवी शताब्दी ई. में हुई। मिलिंदपन्हो में यूनानी शासक मिनेंडर और बौद्ध मिक्षु नागसेन का वार्तालाप है। इसमें ईसा की पहली दो शताब्दियों के उत्तर-पश्चिमी भारत के जीवन की झलक मिलती है। दिव्यावदान में अनेक राजाओं की कथाएँ हैं जिनके अनेक अंश चौथी शताब्दी ई.
भारतीय इतिहास का कालक्रम (यूपीएससी इतिहास): यहां पीडीएफ डाउनलोड करें!
सांस्कृतिक दृष्टि से भी इस काल के दो भाग किए जाते हैं। एक प्राकवेद काल, उनतालीसवें प्रजापति तक एवम दूसरा वेदोदय काल। भूमि का बंटवारा, महाजल प्रलय, भूसंस्कार, कृषि, राज्य स्थापना, वेदोदय तथा भारत और पर्शिया में भरतों की विजय इस काल की बड़ी सांस्कृतिक और राजनैतिक घटनाएं है। वेदोदय चाक्षुष मन्वन्तर की सबसे बड़ी सांस्कृतिक घटना है।
नतीजतन, केवल रघुनाथराव को पेंशन प्रदान की गई और अंग्रेजों ने सालसेट को बरकरार रखा।
आजाद भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरु को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया। उनके नेतृत्व में भारत ने असामाजिक अर्थव्यवस्था को अपनाया था। कुछ अर्थशास्त्र विद्वानों के अनुसार यह मिश्रित अर्थव्यवस्था थी। इस समय में भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान और get more info तंत्रज्ञान क्षेत्रो में काफी विकास किया।
ग्रंथ परिचय भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का इतिहास
प्राचीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत बहुविकल्पीय प्रश्न
छत्रपति शिवाजी – संघर्ष एवं उपलब्धियाँ
चित्रकला से भी प्राचीन भारत के जन-जीवन की जानकारी मिलती है। अजन्ता के चित्रों में मानवीय भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है। ‘माता और शिशु’ या ‘मरणशील राजकुमारी’ जैसे चित्रों से बौद्ध चित्रकला की कलात्मक पराकाष्ठा का प्रमाण मिलता है। एलोरा गुफाओं के चित्र एवं बाघ की गुफाएँ भी चित्रकला की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।